शुक्रवार, नवंबर 01, 2013

दीप जलाना सीखो ....

छाया हो जब घनघोर अँधेरा,
तब तुम दीप जलाना  सीखो ।

कुछ रोना कुछ हंसना सीखो,
कुछ खुद को समझाना सीखो ।

गुस्से से ना मिलेगा कुछ भी,
प्यार से जिद मनबाना सीखो ।

भींगी बिल्ली रहोगे कब तक,
कभी तो शेर बन जाना सीखो ।

बनों  पुजारी शांति के तुम,
पर कभी तो आँख दिखना सीखो ।

क्रोधित हो कर मिले जब कोई,
प्यार से उसको समझाना सीखो ।

छाया हो जब घनघोर अँधेरा,
तब तुम दीप जलाना  सीखो ।